बुराई दिमाग में जहर घोलती है!
अगर कोई व्यक्ति किसी की बुराई करे तो उससे हमें तीन प्रश्न करना चाहिएः
1. आप यह क्यों कह रहे हैं?
2. हमारा इससे कोई फायदा है?
3. आपका इससे क्या फायदा होगा?
अगर व्यक्ति समझदार है तो वह चुप हो जाएगा, और अगर समझदार नहीं है तो वह अपने काम में लगा रहेगा। अब हमको तय करना है कि हमें उसकी बातें सुननी हैं, अथवा नहीं।
मेरा मानना है कि हमें उसकी बातें नहीं सुननी चाहिए। ऐसा व्यक्ति किसी का मित्र नहीं हो सकता है। अगर वह दूसरों की बुराई हमसे करता है तो हमारी बुराई तीसरे से ज़रूर करेगा।
हमें ऐसे व्यक्ति से दूरी बनानी चाहिए। बुराइयां सुनने से, सोचने की शक्ति कम होती है, समय बर्बाद होता है और मन में नकारात्मक भाव जागते हैं।
जीवन में असफल व्यक्ति ही बुराई करता है। असफल व्यक्ति वह होता है जो अपने सामर्थ्य को ठीक से नहीं जानता है और अपनी सामर्थ्य से अधिक का काम हाथ में लेता है।
बुद्धिमान व्यक्ति अपना लक्ष्य किसी को नहीं बताता है। वह फालतू बातें नहीं करता है। सामर्थ्यवान और बुद्धिमान व्यक्ति के पास शब्दों तथा समय की हमेशा कमी रहती है।
बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा अपने लक्ष्य के बारे में सोचता है और उसे अपने दिल के पास रखता है। वह अप्राकृतिक लक्ष्य नहीं बनाता है।
हमें नहीं भूलना चाहिए कि सफलता के शिखर पर पहुंचने के लिए कठिन प्रयास करना होता है। किसी की बुराई कर के, सुन के, अथवा दूसरों के लक्ष्य के बारे में जान के, हम अपना लक्ष्य नहीं पा सकते हैं। ऐसा करने से हम उल्टे अपने लिए विपरीत परिस्थितियों का निर्माण करते हैं।
बुरी संगत को छोड़कर ही बड़ा काम होता है। बुरी संगत वह होती है जो हर काम की जानकारी रखने का दंभ तो भरता है, पर वास्तव में उसे किसी बात की अच्छी जानकारी नहीं होती है। बुरी संगत से समाज में अप्रतिष्ठा बढ़ती है।
हमें अपनी सकारात्मक सोच, दृढ़ इच्छाशक्ति, लगन, मेहनत, समय का सदुपयोग जैसे गुण रोज उपयोग करना चाहिए। इन्हें किताबी गुण बनाकर सजावट की आलमारी में नहीं रखना चाहिए।
हमें उस व्यक्ति अथवा चीज को, जो हमारे विकास के लिए अनुपयोगी है, जल्द-से-जल्द छोड़ देना चाहिए, त्याग देना चाहिए।
सौ मूर्खों का साथ होने से अकेला चलना ज्यादा अच्छा रहता है। छिछले पानी से गहराई वाला पानी ज्यादा मूल्यवान होता है।
संसार चालाक की इज्जत करता है। हमें चालाक बनने की कोशिश करनी चाहिए। चालाकी अपने अंदर हर किसी से कुछ-न-कुछ सीखने, चुनौती का सामना करने और खुद का मूल्यांकन करते रहने से आती है। चालाक व्यक्ति हर पल अपनी कोई-न-कोई बुराई छोड़ता रहता है।
चालाकी नकारात्मक गुण नहीं होता है। चालाकी दुर्गुण नहीं होता है। चालाक होना बुरी बात नहीं होती है। चालाक व्यक्ति की नजर बहुत पैनी होती है। वह अंतर्मुखी और बहिर्मुखी दोनों होता है। वह बहुत आत्मविश्वासी होता है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह होती है कि चालाक व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति के बारे मे किसी को भी नहीं बताता है। चालाक व्यक्ति किसी के सामने अपने सुख-दुःख का भी जिक्र नहीं करता है।
चालाक व्यक्ति बहुत से कामों को ना कहना जानता है। सभी को खुश रखने की कोशिश नहीं करता है। झूठ बोलने वालों, किसी की बुराई करने वालों और कमी निकालने वालों को उनके हाव-भाव से बहुत जल्द पहचान जाता है।
हमें याद रखना चाहिएः
(अ) किसी की बुराई करना बड़ा आसान होता है।
(ब) किसी की अच्छाई बताना बड़ा कठिन होता है।
(स) जो बातें हमारे लिए उपयोगी न हों, उन्हें सुनने से हमारा समय खराब होता है। (द) अनुपयोगी बातें दिमाग में जहर घोलती हैं। इसलिए उनसे बचकर रहा जाता है।