तनाव मुक्त होने पर ही लक्ष्य दिखाई देता है!

वह नेतृत्व जो प्रभावी होता है, उसका समय-प्रबंधन बहुत मजबूत होता है। समय-प्रबंधन, समय पर लक्ष्य प्राप्त करने की योजना होता है। यह योजना तभी पूरी होती है, जब टीम का हर सदस्य अपनी क्षमता का बेहतर उपयोग करता है।

हर लक्ष्य महत्वपूर्ण होता है। हर लक्ष्य में क्षमताओं का उपयोग होता है। हर लक्ष्य सभी काम करने वालों को कुछ-न-कुछ सबक सिखाकर जाता है। हर कोई पहले से बेहतर होने की कला सीख जाता है। वह बेहतर टीम बनाने और उसका सहयोगी होने की बातें जान जाता है। हर कोई अपनी अच्छाइयों एवं कमियों को पहचान जाता है। टीम लीडर लक्ष्य पर पहुंचकर समझ जाता है कि अगले लक्ष्य के लिए कौन-कौन सहयोगी कामयाब रहेंगे।

समय-प्रबंधन में लक्ष्य के लिए प्राथमिकताएं तय करते समय बड़ी तस्वीर को ध्यान में रखना एक चुनौती रहती है। ध्यान केंद्रित करने में मदद करने के लिए हम जिन उपकरणों का उपयोग करते हैं, वे कभी-कभी उस रूप में काम नहीं करते हैं जैसा हम सोचे रहते हैं।

कभी-कभी अपरिपक्व टीम लीडर व्यवस्थाओं में ही इतने उलझ जाते हैं कि वे अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं। टीम लीडर को अपनी टीम और खुद को लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम बनने व बनाने के लिए लक्ष्य पर अपना ध्यान केंद्रित रखना चाहिए।

शास्त्र कहते हैं कि
अप्राप्यं नाम नेहास्ति धीरस्य व्यवसायिनः।

अर्थात् जिस व्यक्ति में साहस और लगन है उसके लिए कुछ भी अप्राप्य नहीं है।

लक्ष्य को सही समय पर पाने के लिए, हम निम्नलिखित बातों का ध्यान रख सकते हैं: 

हमारा लक्ष्य स्पष्ट रूप से परिभाषित हो। उसे छोटे-छोटे कार्यों में बांट कर पूरा करने की योजना हो। ये छोटे कार्य मापने योग्य हों। इन कार्यों को पूरा करने के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हो। लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत हो। समय-समय पर लक्ष्य की समीक्षा हो। ज़रूरत पड़ने पर लक्ष्य पाने के तरीके की ट्यूनिंग हो। पूरी प्रक्रिया में जवाबदेही किसकी होगी, यह तय रहे। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बीच के मील के पत्थर निश्चित हों। नकारात्मक विचारों और भावनाओं से दूर रहें। कहीं मदद की जरूरत है तो अवश्य लें। एक बार में एक लक्ष्य पर ही ध्यान रहे। मल्टीटास्किंग नहीं करनी है। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना है। अच्छी डाइट लेनी है। अच्छी एक्सरसाइज करनी है। मानसिक रूप से शान्त रहना है।

चाणक्य के अनुसार लक्ष्य पाने के लिए पूरी ताकत लगानी चाहिए।

प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥

अर्थात् जिस प्रकार शेर पूरी ताकत के साथ झपट्टा मारकर अपना शिकार करने में सफल होता है, ठीक उसी प्रकार व्यक्ति को दृढ़ निश्चय के साथ अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।

ध्यान रखना चाहिए:
(अ) लक्ष्य प्राकृतिक होने चाहिए
(ब) लक्ष्य सबकी समझ में रहना चाहिए
(स) लक्ष्य प्राप्ति तक सकारात्मक रूप रहना चाहिए 

Leave A Comment