सोचिए, दीपावली क्या चाहती है?

मौज-मस्ती-धमा-चौकड़ी का त्यौहार मैं सत्यव्रत जी के घर पहुंचा। घर सजा-संवरा हुआ था। दही-बड़ा खाकर मजा आ गया। यहां से संग्रहणीय और पठनीय चारों वेदों को पाकर अनंत खुशी हुई। त्रिपाठी जी के साथ सपरिवार गुलाब जामुन खाकर मजा आ गया। […]

दीपावली की शिक्षा

छोटी चीजों को नजअंदाज नहीं करना चाहिए! दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह बताता है कि अंतिम जीत अच्छाई की ही होती है, चाहें बुराई कितनी ही ताकतवर क्यों न हो। दीपावली शब्द संस्कृत के दो […]

समय बड़ा ना पैसा

कौड़ी के कौड़ी या कौड़ी का एक बहुत समय पहले की बात है। साधूलाल अपने बेटे संतलाल के साथ जा रहा था। बेटे की अपने पिता के साथ पहली यात्रा थी। पिता घर से व्यवसाय की खोज में और पैसा […]